teri baaton mein aisa uljha jiya movie review in hindi
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Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Movie Review in Hindi: तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया मूवी का रिव्यू हिंदी में, देख आप हो जाएंगे हैरान!

तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया मूवी का रिव्यू हिंदी में

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Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Movie Review in Hindi: बॉलीवुड बदनाम है भाई लव स्टोरीज के लिए एक कैलेंडर में 50 रोमांटिक मूवीज और 50 की 50 बिल्कुल एक जैसी ही तो चलो आज कुछ तूफानी करते हैं एक लड़का और लड़की की कहानी में लड़की को हटा के मशीन को रख देते हैं. रोबोट अब सुनने में मजा आया तेरी बातों में ऐसा उलझा चिया जितना रोमांटिक इस फिल्म का नाम है. उतना ही सुरीला इसका सब्जेक्ट है सारे गामापा आपके दिमाग में सारे बटन दब जाएंगे क्योंकि बॉलीवुड में पहली बार रोबोट हीरो या विलन नहीं वाइफ बनने वाला है. इसे भी पढ़िए आपके लिए यह फूल लगाने के टिप्स काम आ सकते है.

मुबारक हो लोहे का टुकड़ा पैदा हुआ है. तो यार हर दूसरी कमकम की तरह इस कहानी में भी लड़का-लड़की एक दूसरे से टकराते हैं और पहली नजर का प्यार इश्क मोहब्बत सब कुछ हो जाता है. अगला स्टेप क्या है हम सब जानते हैं. मुंह मीठा करिए रिश्ता पक्का करिए भाई शादी तक बात नहीं गई तो क्या खाक लव स्टोरी पूरी होगी चलो थोड़ा आगे से देखकर आपको फ्यूचर बता दूं लड़का लड़की शादी का मंडप तीनों सजे हुए हैं. लेकिन आग हवन में नहीं लड़की के हाथों में लगी है और लड़के के हाथों में पानी का जग या फायर एंबुलेंस का नंबर नहीं एक पैनी नुकीली तलवार है.

जो लड़की के गले पे है क्या सोच रहे हैं लव स्टोरी में वायलेंस और और सस्पेंस कहां से आ गया बोला था ना ये लव स्टोरी थोड़ी टेढ़ी है. क्योंकि लड़के के साथ लोहे की लेडी है. सिर्फ दो मिनट में मेरी बातों में आपका दिमाग यूं उलझ गया तो पूरे दो घंटे क्या होगा जब रोबोट अपने होने वाले पति के साथ ससुराल में लैंड होगा देखो भाई नंबर वन चीज जो बॉलीवुड की लव स्टोरीज का पूरा मजा खराब कर देती है.

वो यह कि हर फिल्म की एंडिंग हम पहले से जानते हैं कि कैसे खत्म होगी लेकिन इस फिल्म में बहुत सारे एक्सपेरिमेंट्स हैं. जिस पर जसे एंडिंग तो छोड़ो फिल्म का अगला सीन क्या होगा वो पता लगाना भी मुश्किल है ये है. रोबोट साइंस इन सबके बावजूद सिनेमा को फैमिली फ्रेंडली बनाया गया है इसमें कॉमेडी और रोमांस का कॉकटेल बना के आपने लव आजकल देखी है.

इसके आगे एक और कल जोड़ दोगे तो शाहिद कपूर वाली फिल्म का मतलब समझ जाओगे फ्यूचर की लव स्टोरी समझ लो वैसा ही कुछ फ्रेश डिफरेंट फिर भी सेंटी करने वाला सिनेमा लौट आया है बस लॉजिक के लिए दिमाग बिल्कुल इस्तेमाल मत करना ओनली एंटरटेनमेंट लेकिन अगर आप मुझसे डायरेक्टली पूछोगे ना कि इस फिल्म पे पैसे क्यों खर्च करने चाहिए तो एकदम क्लियर जवाब होगा फिल्म की अनएक्सपेक्टेड एंडिंग जी हां फिल्म का क्लाइमेक्स काफी शॉकिंग है यार अचानक से जो वक्त जज्बात और फिल्म का थीम जब बदलेगा आपका मुंह फटा का फटा रह जाएगा कैसे पब्लिक को यह भरोसा दिला के कि भैया इश्क तो अंधा होता है.

इंसान से हो या मशीन से फिर अचानक से आंखें खोल देना मशीन करंट भी मारती है बट एक चीज ध्यान रखना फिल्म से एक्सपेक्टशंस हॉलीवुड जैसी ना लगाना थोड़ा मैच्योर सिनेमा नहीं है. यह बच्चों वाली कहानी है इजी फिल्म मेकिंग ऑनेस्टली बोलूं तो मस्त टाइम पास सिनेमा है विद फैमिली जाके देख सकते हो बोरिंग बिल्कुल नहीं लगेगा कुछ भी एडल्ट वल्गर अनकंफर्ट बल नहीं होगा कृति सेनन की चल रही है. फ्लॉप मूवीज की लंबी स्ट्रीक लेकिन यह बात शायद आप भी जानते हो उसमें से किसी भी फिल्म में इनका काम बिल्कुल खराब नहीं होता है.

इस फिल्म में कृति का सबसे मुश्किल मिशन इंपॉसिबल यही था कि वो इंसान होते हुए भी आपको कैसे यकीन दिलाएं कि वो रोबोट हैं. बट विद शाहिद कपूर का तगड़ा वाला सपोर्ट एंड चेहरे पे वैरायटी ऑफ गिरगिट जैसे एक्सप्रेशंस आपको फील हो जाएगा कि लव स्टोरी ह्यूमन विद रोबोट की ही है. अच्छी बात यह है, कि ओवर कुछ भी नहीं है. गाना बजाना लड़ना हंसाना हर जगह पे फिल्म एक्स्ट्रा कुछ भी ट्राई नहीं करती है. सिर्फ कहानी के अंदर गोल-गोल घूमो तो यार मेरी तरफ से फिल्म को मिलेंगे पांच में से पूरे साढ़े स्टार्स पहला डिफरेंट सब्जेक्ट लव स्टोरीज को मॉडर्न बनाने की कोशिश दूसरा रोबोट पे फिल्म बना के उसको फैमिली ऑडियंस में फिट करना अच्छे से हैंडल विद केयर हुआ है.

तीसरा कृति का काम जबरदस्त है ह्यूमन रोबोट आसान नहीं होता और शाहिद कपूर एज एक्टर इनसे ज्यादा टैलेंटेड कौन होगा बोलो आधा स्टार स्पेशली फॉर क्लाइमैक्स जो शुरू होता है कॉमेडी की तरह और बदल जाता है सेक्रेड गेम्स में नेगेटिव्स में सबसे बड़ी शिकायत फॉर वन स्टार कटिंग यही है कि दो घंटे में बहुत कुछ और भी दिखा सकते थे थोड़ा मैच्योरिटी वाला कंटेंट इमोशंस फिल् में और ज्यादा होने चाहिए थे जब दिल टूटे तब बुरा लगना चाहिए ना लेकिन फर्स्ट अटेंप्ट ओके है आधा स्टार इसलिए कटेगा फिल्म को खत्म बड़े अजीब तरीके से कर दिया उबला हुआ अंडा बोल के हाफ फ्राई बना दिया अब थिएटर जाना है कि नहीं फैसला आपका है भाई लेकिन बॉलीवुड की इज्जत बढ़ने वाली है 100% करिए थोड़ा सा इंतजार मिलती हूं अगले पोस्ट में टेक केयर बाय बाय.

 

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