Panchayat Season 3 Web Series Review in Hindi Dubbed
Panchayat Season 3 Web Series Review in Hindi: फिल्म वाले टेंशन में है थिएटर्स क्यों नहीं चल रहे अरे भैया जब घर बैठे-बैठे ऐसा कंटेंट मिलेगा जिसमें सिनेमा वाला फील है तो कौन जाएगा थिएटर पंचायत सीजन 3 का ट्रेलर आ गया है सर बिना किसी को बताए अचानक से बॉम ब्लास्ट कर दिया है प्राइम वाले चाचा ने ऑन सोशल मीडिया और इसको देखते ही समझ आ जाएगा बॉलीवुड की मूवीज में क्या मिसिंग है क्यों नहीं जाते लोग थिएटर उसका जवाब पंचायत के सिर्फ ट्रेलर में ढूंढ सकते हो आप सुकून नाम का शब्द सुना है.
वो पंचायत का पर्यायवाची है ऐसा शो जिसका नया एपिसोड जिंदगी भर रोज देख सकते हैं हम बिना ब्रेक लिए एक फैमिली कंटेंट जिसमें कॉमेडी के लिए डबल मीनिंग डायलॉग्स या फिर बिग बजट सेट्स की नहीं सिर्फ इमोशंस का इस्तेमाल किया जाता है सिर्फ दो मिनट के वीडियो में इतनी पावर है कि पूरे 200 करोड़ वाले शो का कंटेंट शर्मिंदा हो जाएगा क्योंकि पब्लिक का कनेक्शन पंचायत के साथ बहुत सॉलिड है यहां पे कोई हीरो हीरोइन नहीं सिर्फ एक्टर्स हैं वो जिनको शायद रियल लाइफ से ज्यादा रियल लाइफ से पहचानते हैं लोग नाम से नहीं काम से इंप्रेस करते हैं.
देखो पंचायत का ट्रेलर उसी टाइम सुपरहिट बन गया जैसे ही स्क्रीन पे वो शो का थीम सॉन्ग बजा और दिमाग में अपने आप रिवाइंड बटन प्रेस हो गया 2 साल की यादें लास्ट वाले पंचायत के साथ जुड़ी हुई वो सब वापस आ गई हैं सिर्फ 2 मिनट में ट्रेलर का पर्पस सक्सेसफुल हो गया ऐसा लगा नहीं वीडियो को देखते टाइम कि पूरे 2 साल निकल गए सब कुछ दिमाग में फ्रेश है जैसे कल ही शो का लास्ट एपिसोड देखा था बॉस ट्रेलर देखकर एक बात कंफर्म्ड है इस बार शो का लेवल पिछले दोनों सीजन से डबल होने वाला है क्योंकि कॉमेडी के साथ सस्पेंस थ्रिलर भी जुड़ गया है.
ये ओटीटी वाले बड़े चालाक हैं यार ये लोग सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं राइटिंग पे डायलॉग्स ऐसे लिख देते हैं कि बाकी चीजों पे ध्यान ही नहीं जाता कभी देखो ट्रेलर में सिर्फ एक नाम विनोद सुनकर इतना मजा आ गया जितना कभी पूरे दो दो घंटे की फिल्म में नहीं आता पंचायत का असली चैंपियन इसकी राइटिंग है बॉस जैसे शो में अभी तक सारे कैरेक्टर्स हीरो वाली कैटेगरी में आते थे लेकिन फर्स्ट टाइम किसी को देखकर टोटल विलन वाली वाइब्स आ रही हैं ये बंदा कमाल का स्क्रीन प्रेजेंस लेकर आया है ट्रेलर में एक सीन है.
जहां बिना कुछ बोले बिना डायलॉग्स के ये आपको अपना दुश्मन बना सकते हैं हाथ पैर वाला एक्शन बोरिंग है पंचायत में जंग इस बार दिमाग से लड़ी जाएगी अरे अगला सीजन कैसे आएगा अगर सरपंची ही बदल जाएगा लास्ट टाइम याद है सीजन टू की एंडिंग ने पूरे कॉमेडी शो को सिर्फ एक मिनट में ट्रेजेडी में बदल दिया था कि इतना पावरफुल अनएक्सपेक्टेड क्लाइमैक्स था तो क्या पता इस बार शो के मेकर्स सबको सरप्राइज करने के लिए बड़ा गेम खेल जाए और इलेक्शन के रिजल्ट्स जो किसी ने नहीं सोचे वैसे बाहर आ जाएं यही असली एक्स फैक्टर है.
पंचायत का यह शो बाहर से जितना इजी और सिंपल दिखता है वो एक्चुअली में काफी अनप्रिडिक्टेबल है दिल दिमाग दोनों को चैलेंज करने वाले सींस लिखे जाते हैं हंसते-हंसते रुला देगा और रोते-रोते शायद आपको सीट से नीचे गिरा दे कोई फनी जोक मार के बाकी शोज में लोग कंप्लेन करते हैं कि इतना लंबा एक घंटे का एपिसोड क्यों बना दिया ये सात आठ एपिसोड्स एक साथ कौन देखेगा लेकिन पंचायत के मेकर से पब्लिक खुद रिक्वेस्ट करती है.
भैया कम से कम 10-12 एपिसोड्स बनाना और लंबाई 50 मिनट से छोटा मत करना प्लीज वैसे नोटिस किया आपने इस बार ट्रेलर को काफी ऑलराउंडर स्टाइल में एडिट किया है लव रोमांस चल रहा है एक तरफ जिसका हमें कब से इंतजार है फाइनली तो दूसरी तरफ डर्टी पॉलिटिक्स बेस्ड ऑन रियल लाइफ सिचुएशंस आर पार की लड़ाई छुड़ गई है कुछ पुराने दुश्मन भी वापस आए हैं विलेंस की टीम बन गई है प्रहलाद जी का वो सीन जिसमें इनके चेहरे पर हंसी दिख रही है वहां ऐसा लगेगा सिर्फ वो अकेले नहीं उनके साथ लाखों करोड़ों लोग स्माइल कर रहे हैं.
सबसे इंपॉर्टेंट फ्रेंडशिप वाला एंगल यही तो पंचायत का रियल पावर है वरना दिल्ली नोएडा का लड़का फुलेरा के मर्दों से क्या रिश्तेदारी बनाएगा इमोशंस जो हम सबके अंदर होते हैं उसको पंचायत जैसे शो ने अनलॉक कर दिया सिर्फ अपने रिलेटेबल और प्योर कंटेंट की वजह से यही चीज बॉलीवुड को पब्लिक से दूर करती है क्योंकि जबरदस्ती का पैसा घुसा के ये लोग चीजों को मैनिपुलेट करके दिखाते हैं.
जिससे लोग कनेक्ट नहीं कर पाते वो तो शुकर मानो पंचायत जैसा कंटेंट ओटीटी की जगह थिएटर्स में रिलीज नहीं होता वरना एक हफ्ते नहीं पूरे एक साल ये बाकी फिल्मों को रिलीज करने की जगह नहीं बचने देता कॉमेडी के बारे में जितना बोलो उतना कम है ये लोग बिना डायलॉग्स के सिर्फ सिचुएशन ऐसी बना देते हैं जिसको दिमाग में सोचकर फट पड़ते हो आप मनोज तिवारी की आवाज जिसने भी इस ट्रेलर में नोटिस की है अपने अंदर छुपे हुए भोजपुरी लवर को पीठ पर शाबाशी मार देना देखना इस बार पंचायत कैसे मीम्स की फैक्ट्री खोल देगा वो सचिव जी और रिंकी के बीच वाली कन्वर्सेशन वो जोक्स का खजाना निकलेगी लेकिन मुझे पक्का यकीन है.
ये लोग फिर से हमारा टेस्ट लेंगे और क्लाइमैक्स में कुछ बहुत ही भयानक ट्विस्ट लाके सब कुछ पलट देंगे टिशू पेपर का डब्बा खरीद लेना तो अगर आप भी उन लोगों में से हो जो इस ढाई मिनट के ट्रेलर को देखते वक्त सब कुछ अपने अंदर फील कर रहे हो तो नीचे कमेंट सेक्शन में अटेंडेंस जरूर लगाना मुझे पता है सबसे मुश्किल काम है पूरे दो हफ्ते इस शो का इंतजार करना लेकिन यकीन मानो सब्र का फल इस बार आगरे के पेठे से भी मीठा होगा 28 मई कम सून बाकी पोस्ट में कुछ पसंद आया हो या फिर कुछ शिकायत करनी हो तो आप मुझे कमेंट करके बोल सकते है.