मर्डर इन माहिम वेब सीरीज का अनोखा सिन देख आप रह जाएंगे दंग!
Murder in Mahim Web Series Review in Hindi: थिएटर्स में फिल्म आ नहीं रही है तो आईएल में रोज आरसीबी और सीएसके का मैच होता नहीं है ऐसे में सिर्फ एक सहारा बचता है तीन लेटर्स का छोटा सा शब्द ओडीटी एक नई वेब सीरीज रिलीज हुई है जिसमें दिमाग घुमाने वाला सस्पेंस मिलेगा और खुद पे शक करने लगो ऐसी खतरनाक मर्डर मिस्ट्री भी है अरे नाम में ही मर्डर है मर्डर इन माहीम ये डायरेक्ट रिलीज हुआ है प्रोफेसर आशुतोष राना है तो भैया कहानी एक रेलवे प्लेटफॉर्म की है जिसका सबसे कोने वाला बाथरूम कई सालों से इस्तेमाल हो रहा है.
एक रेड लाइट एरिया की तरह पैसा फेंको और सामने वाले का जिस्म आपका हुआ बट एक चीज थोड़ी अलग है लड़का-लड़की नहीं यहां पे सेम जेंडर वाले लोग ज्यादा पाए जाते हैं लेकिन फिर ये बदनाम स्टेशन अचानक से मशहूर हो जाता है क्योंकि उसी कोने वाले बाथरूम में एक कटी पिटी लाश मिलती है डेड बॉडी दीवार पे खून ऐसा है जैसे कोई डरावनी पेंटिंग और सबसे हैरान करने वाली बात एक मेडिकल कनेक्शन क्योंकि शरीर से किडनी गायब है बट पता है पुलिस को टेंशन क्यों नहीं लेना पड़ेगा क्योंकि मरने वाले के हाथों पे खुद अगले शिकार का नाम बड़ा-बड़ा लिखा होता है.
बचा लो मतलब समझे खुलम खुल्ला चैलेंज वो भी मुंबई पुलिस को मीडिया के कैमरा के सामने यहां पे रेस तीन लोगों के बीच में किलर पुलिस और टाइम एक के बाद दो दो के बाद तीन ये गिनती रुक नहीं रही है लेकिन इस बार रोकना पड़ेगा क्योंकि मरने वाले के पास एक बड़े पुलिस ऑफिसर का नाम लिखा है अब यहां पे कहानी में एक भूत की एंट्री होती है एक अजीबोगरीब केस जिसमें लड़का बिल्डिंग के सबसे ऊपर वाले फ्लोर से नीचे कूद के खुद को मार लेता है और कमाल की बात जानते हैं जिस पुलिस की ड्यूटी है लोगों की जान बचाना वो खुद इस बार कटघरे में है.
अब शायद उसी लड़के की आत्मा वापस आ गई है बदला लेने चोर पुलिस और साइको क्रिमिनल वाले शोज बहुत देखे होंगे आपने लेकिन इस बार यमराज से मिलने का मौका मिलेगा जो मरने वाले को उसकी मौत लिख के बताता है यहां पे एक वॉर्निंग जरूर दूंगी आपको ये वेब सीरीज नशे की तरह है एक एपिसोड देख लिया ना तो पूरे आठ एंड तक देखने पड़ेंगे बीच में नहीं छोड़ पाओगे उसका सबसे बड़ा रीजन जानते हो शो के आखिरी 10 मिनट से पहले आपको 1 पर आईडिया नहीं लगेगा इस पूरे मर्डर वाले कांड का मास्टरमाइंड कौन हो सकता है जबरदस्त सस्पेंस क्रिएट किया गया है.
जिसमें शक की सुई पुलिस और क्रिमिनल्स दोनों के बीच में इधर-उधर घूमती रहती है लेकिन जो असली क्लाइमैक्स है वो लिटरली किसी ने सपने में भी प्रिडिक्ट नहीं किया होगा एकदम स्मार्ट शो है ये जिसके अगले एपिसोड में क्या हो सकता है नो आईडिया एक तो विजयराज और आशुतोष राना ये दोनों ही एक्टर्स ऐसे हैं जिनकी एक्टिंग देखकर नेचुरली आपको फील होने लगता है कि यह बंदा चेहरे के पीछे कुछ तो छुपा रहा है हर एक सीन में जब कैमरा इन दोनों के ऊपर आता है तो कुछ टाइम पास होगा ऐसा लगता ही नहीं है कुछ ना कुछ सीरियस ट्विस्ट लेकर आते हैं.
यह बार-बार लेकिन शो का असली मजा तब आए जब ये दोनों आमने-सामने आके खड़े हो जाते हैं हाथ पैर वाले एक्शन से ज्यादा मजा आता है दिमाग की लड़ाई देखने में देखो 200 करोड़ बजट लगा के शो बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है ऑडियंस को इंप्रेस करने के लिए अगर आप 200 पेज वाली क्राइम नोवल को पढ़ने जैसा एक्सपीरियंस दे सकते हो सिर्फ दमदार राइटिंग से वैसे वो रेड लाइट एरिया वाला एंगल सुनकर ये मत सोचना कि शो वल्गर है या फिर फैमिली ऑडियंस के लिए नहीं है अडल्ट जरूर है.
लेकिन डबल मीनिंग बिल्कुल नहीं और हां यह शो इसलिए भी खास है क्योंकि काफी लोग इसके कंटेंट से चिर जाएंगे मर्डर का लालच देकर आपको खुद शीशे के सामने ले जाकर खड़ा कर दिया जाता है असुर तो याद ही होगा ना असली शुभ कौन ये मिस्ट्री बहुत लंबी और खतरनाक तरीके से सॉल्व हुई थी फिर भी हीरो कौन विलन कौन शायद आज तक हम समझ नहीं पाए उसकी टक्कर का सस्पेंस मिलेगा आपको इस शो के अंदर धोखा खा जाओगे बहुत इजली असली मास्टरमाइंड बार-बार आंखों के सामने होते हुए भी किसी को नहीं दिखेगा हां बस थोड़ा तसल्ली से देखना पड़ेगा आठ एपिसोड्स एक साथ देखना इजी नहीं होगा इसीलिए पेशेंस चाहिए रहेगा हर सवाल का जवाब ढूंढने में है.
लेकिन जो एंड तक रुक गया उसको बहुत बड़ा वाला सरप्राइज मिलेगा क्योंकि यकीन करिए ऐसी एंडिंग होगी शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा टोटली शॉक्ड हो जाओगे तो यार मर्डर इन माहीम को मेरी तरफ से पांच में से तीन स्टार्स मिलेंगे पहला खतरनाक क्लाइमैक्स एकदम अनएक्सपेक्टेड दूसरा जबरदस्त एक्टिंग सिर्फ लीड नहीं सपोर्टिंग वाले एक्टर्स भी सीरियस हैं और तीसरा आर्टिकल 377 जैसी चीज को इतनी आसानी से प्रेजेंट करना कि लोग मजबूर हो जाएं जैसा सोचते हैं वो ठीक है या फिर बदलना चाहिए नेगेटिव्स में दो शिकायत आठ एपिसोड्स तक नहीं खींचना चाहिए था कुछ फैमिली वाले एंगल्स जो डाले हैं वो किसी काम के नहीं है टाइम वेस्ट और दूसरा शो की राइटिंग बढ़िया है.
लेकिन डायलॉग्स जो आपस में बोलते हैं वो असरदार नहीं है जैसे जो काम असुर में किया गया वो यहां मिसिंग है घर बैठे-बैठे कुछ बढ़िया देखना है जिसमें एक्टिंग और कहानी दोनों टॉप लेवल के मिल जाए तो मर्डर इन महिम आपके लिए बना है ग्रीन लाइट बाकी पोस्ट में कुछ पसंद आया हो या फिर कुछ शिकायत करनी हो तो आप मुझे कमेंट करके बोल सकते है.