Bade Miyan Chote Miyan Movie Trailer Review
Bade Miyan Chote Miyan Movie Review in Hindi: हम बेचारे इंडियन सिनेमा के फैंस सिर्फ यह सपना देखते हैं काश एक ऑस्कर मिल जाता भगवान ने आपकी सुन ली एक ऐसी फिल्म आई है जो कम से कम 10 ऑस्कर जीतेगी बड़े मियां छोटे मियां फिल्म को लेकर मार्केट में काफी सारी अफवाहें उड़ रही हैं जबरदस्ती इसको घटिया बकवास बोरिंग पता नहीं क्या-क्या बोले जा रहे हैं.
लोग एकदम झूठ हकीकत इसके एकदम उल्टा है यार ऊपर बोला ना मैंने आपको इंडियन सिनेमा का अधूरा सपना अगर कोई पूरा कर सकता है तो वो सिर्फ यही फिल्म है अच्छा रिव्यू से पहले एक फ्रेंडली एडवाइस देती हूं फिल्म को 3d में देखने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा इसलिए टिकट पर डबल पैसे से खर्च मत करना टूडी जिंदाबाद हां तो कहानी 70 घंटों की है जिसके बाद पूरा हिंदुस्तान दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा ऐसा बोलने वाला इस मास्क के पीछे पूरी तरह छुपा हुआ है अब उस दुश्मन से लड़ना कितना मुश्किल होगा जिसका कोई चेहरा ही नहीं है.
तो फिर निकालो अपना सबसे ताकतवर हथियार मारपीट नहीं वॉर करना पड़ेगा बड़े मियां छोटे मियां देश के दो सबसे खतरनाक सीक्रेट एजेंट्स को मिशन पे लगाया जाता है चेहरे से नकाब हटा दो जंग वहीं पे आधी खत्म हो जाएगी बट कहानी में छोटा सा ट्विस्ट होने का सर जी एक हिंट देती हूं आपको मास्क के पीछे जो छुपा है वो कोई मामूली इंसान नहीं है अरे इंसान ही नहीं है मिर्जापुर के मुन्ना भैया की तरह मास के पीछे वाला बंदा अमर है.
भगवान ने इसको पैदा तो किया लेकिन मरना कब है वो फैसला ये खुद करेगा और हां हेलो ये बड़े मियां छोटे मियां पे ज्यादा भरोसा करने की गलती मत करना यह सीन ध्यान से देखो दोनों आपस में लड़ गए देश की फिकर ही नहीं है तो यार इस पूरी कहानी का विलन कौन है और ये चेहरे पे अजीब सा मास्क लगा के क्यों घूमता है शक्ल छुपा रहा है या अपनी पहचान और इससे भी बड़ा सवाल जिनको हम हीरो समझ रहे हैं.
कहीं वो कोई बहरूपिया तो नहीं है वरना कौन सा फौजी अपने ही देश के ऑफिसर से लड़ता है फंस गए ना बड़े मियां छोटे मियां की भूलभुलैया में टेंशन मत लो थिएटर में दिमाग ज्यादा तकलीफ नहीं देगा क्योंकि शुरू के 5 मिनट के बाद दिमाग इस्तेमाल करने को बचेगा ही नहीं पहला ऑस्कर तो इस फिल्म को मिलेगा दुनिया के सबसे घटिया वन लाइनर्स जोक्स लिखने के लिए जैसे ताजमहल बनाने वाले के हाथ कटवा दिए थे ना ताकि दूसरा ताजमहल ना बन जाए ठीक वैसा ही करना पड़ेगा इन जोक्स को लिखने वाले बंदे के साथ मेरे डर का लेवल कितना है.
इससे अंदाजा लगा लो कि लिटरली इन डायलॉग्स के सामने फरात सामजी की फिल्म कोहीनूर के हीरे जैसी लगने लगेगी बचपन में एक दूसरे को छेड़ने के लिए हम लेडीज फर्स्ट बोलकर लड़कों को छेड़ देते थे वो सोचो ये 350 करोड़ की फिल्में इस्तेमाल हो रहे हैं. इससे ज्यादा बकवास सेंस ऑफ ह्यूमर मैंने पर्सनली आज तक दुनिया की किसी भी दूसरी फिल्म में नहीं देखा अरे मेहनत करोगे तो मार्स पे पानी मिल जाएगा तुम्हें लेकिन इन जोक्स पे हंसी कोई साइंटिस्ट भी ढूंढकर नहीं निकाल पाएगा यकीन करोगे फिल्म के बेस्ट सींस वो हैं जब दोनों एक्टर्स शांत होते हैं.
कुछ नहीं बोलते और पीछे बीजीएम बजता रहता है ये नोक झोक वाला आईडिया दो बड़े एक्टर्स के बीच में बहुत सुपर्ब हो सकता था लेकिन फिल्म में अक्षय और टाइगर की केमिस्ट्री जीरो है. जक के नाम पर सिफ बकवास अब ऑस्कर की दूसरी चमचमाती हुई ट्रॉफी पे बड़ा-बड़ा नाम लिखा होगा मेगास्टार टाइगर स्टॉफ का एक अकेला बंदा ढ़ 300 करोड़ पे सूसू करके चला गया एक तो महा वाहिया डायलॉग्स ऊपर से उन डायलॉग्स को बोलने का तरीका सच में आपको कोरोना वाले दिन याद दिला सकता है मास्क लगाओ कानों पे मतलब मुझे तो समझ नहीं आता दिक्कत है.
क्या आप सोल्जर बने हो देश के लेकिन बातें करने का तरीका वो गणपत हीरोपंती वाला टपोरी सड़क छाप भाई एक बार को कुत्ते की पूथ सीधी करने का ट्राई कर सकती हूं मैं लेकिन टाइगर शॉफ की डायलॉग डिलीवरी में सीरियसनेस फील करना कसम से कभी नहीं हो सकता अभी तक तो दुनिया का संतुलन सिर्फ एक छोटी बच्ची होके ऐसे हिल गया था इस नई वाली फिल्म में हर मिनट उस डायलॉग का बाप सुनाई देता है.
असंभव तीसरा ऑस्कर उस इंसान के नाम जाना चाहिए जिसने इस फिल्म में डाले गए गानों को पास किया है इतना वॉर लड़ाई की जरूरत ही नहीं थी विलन को गाने सुना देते वही मर जाता जिस फिल्म के नाम में ही म्यूजिक छुपा हुआ है बड़े मियां छोटे मियां ये पढ़कर ही गानों में वो पुरानी वाली फिल्म का म्यूजिक अपने आप बजने लगता है उसके साथ ऐसा म्यूजिक बनाने की हिम्मत कैसे हो गई आपकी एक इंसान ढूंढ के ला दो पूरी दुनिया से जो एक भी गाना पूरा सुना सकता है विद लिरिक्स एक तो ये लॉजिक ही समझ से बाहर है.
जब आप 350 करोड़ की एक एक्शन थ्रिलर बना रहे हो जिसमें दोनों लीड एक्टर्स आर्मी के सोल्जर बने हुए हैं तो फिर उसमें यह सब सीन डालने का आईडिया आता किसके दिमाग में है एक पॉइंट पे सच में ऐसा लग रहा था कि सिर्फ गाना डालने के लिए ये फिल्म जबरदस्ती बनाई गई है और चौथा ऑस्कर बिना किसी शक जाए का डायरेक्टर अली अब्बास जफर को जो वाईआरएफ की एक्शन मूवी से बाहर निकलते ही बुरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं बड़े मियां छोटे मियां जैसी मूवीज बनाने वाला इंसान टाइगर फ्रेंचाइजर में शामिल था यह बात गले से उतर नहीं रही है.
अब 350 करोड़ में इन्होंने सिर्फ फिल्म में ब्लास्ट किए हैं जमीन को उड़ा दिया कार को उड़ा दिया हेलीकॉप्टर फूंक दिया इंसानों को जला दिया घोड़ों तक को नहीं छोड़ा और इसमें डाला गया लो क्वालिटी का वीएफए उस चीज को और भी ढंग से बाहर नहीं आने देता जो काम ओम रावत ने किया आदि पुरुष के साथ वो अली अब्बास जफर ने रिपीट किया है बड़े मियां छोटे मियां में कुछ जगह पे गलती से एक्शन सींस बढ़िया हो जाते हैं तो डायरेक्टर साहब उसको इतना लंबा खींच देते हैं.
कि उसके खत्म होने तक बाल सफेद हो जाएंगे आपके ये पहली बार ऐसा देख रही हूं मैं जब किसी फ फम की कहानी से एक्शन का कोई लेना देना ना हो मतलब एक्टर्स लड़े जा रहे हैं. क्यों किसलिए डायरेक्टर साहब खुद नहीं जानते बड़े मियां छोटे मियां का टाइटल मिला था आपको गिफ्ट में जिससे फिल्म का हाइप 50 पर रिलीज से पहले ही बन गया लेकिन बदले में आपने एडिडास की जगह एडी बास बना दिया और बहुत दुख के साथ बोलना पड़ रहा है. ऑस्कर की पांचवी ट्रॉफी के हकदार हैं अक्षय कुमार ऐसा लगता है. यह अक्षय है ही नहीं कोई डुप्लीकेट आ गया है यह बंदा लिटरली एक्शन फिल्मों का गोट हुआ करता था ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम लेकिन इस फिल्म ने इनका हाल बकरी वाले गोट जैसा कर दिया है.
मुझे लगा था अक्षय अपनी एक्टिंग से टाइगर शॉफ को खींच के ऊपर ले जाएंगे परफॉर्मेंस में लेकिन यहां तो दोनों बांहों में बाहें डाल के खाई में कूद गए फर्स्ट टाइम किसी फिल्म में ऐसा हुआ है जब अक्षय कुमार की कॉमेडी टाइमिंग फेल रही है वरना बंदा नॉर्मल बात भी इस तरीके से बोलता है कि सुनकर हंसी छूट जाती है पता नहीं क्यों अक्षय इस फिल्म में सीरियस ना होने की कसम खाकर आए थे जो काम वॉर में किया था ऋतिक ने टाइगर के अगेंस्ट उसका ठीक उल्टा हुआ है यहां यकीन करोगे ऐसा पहली बार हुआ है जब अक्षय कुमार को उनकी ही फिल्म में एक साउथ एक्टर ने पूरी तरह ओवरशैडो कर दिया लैम लाइट खा गए उन की पृथ्वीराज अगर बड़े मियां छोटे मियां में वाकई कुछ देखने लायक है तो वह सिर्फ यह नाम है.
लेकिन अली अब्बास जफर इनको सही ढंग से इस्तेमाल करने में चूक गए हैं जैसे पठान में जॉन इब्राहम को जिम बना के प्रेजेंट किया था ऐसा लग रहा था हीरो के टक्कर का विलन आ गया है पठान कैसे बचेगा बट बड़े मियां छोटे मिया के तो दोनों हीरोज ही जोकर जैसे हैं तो सामने विलन बेचारा कैसे सीरियस हो सकता है पृथ्वीराज फिल्म में अक्षय टाइगर से नहीं लॉजिक से लड़ रहे थे और अब बचे हुए पांचों ऑस्कर सिर्फ एक इंसान के नाम लिखे जाएंगे द अलाया एफ बाप रे बंदी ने एक ही फिल्म में 100 अनन्या 50 जानवी को खा डाला है इस एक्टिंग को देखने के बाद मुझे पक्का 100% यकीन हो चुका है.
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की डिक्शनरी में ऑडिशन नाम का शब्द नहीं होता है मतलब इनके सींस को फिल्म में पास कर देना फिल्म के मेकर्स के ओवर कॉन्फिडेंस को दिखाता है जिनके हिसाब से पब्लिक बिल्कुल गधी है वो कुछ नहीं जानती है अरे पैर धोकर पीने का मन करेगा टीवी सीरियल्स की सास बहू का बड़े मियां छोटे मियां में दोनों हीरोइन की एक्टिंग देखने के बाद मानुषी तो ऐसा लग रहा है.
फिल्म में रोबोट का रोल कर रही है पूरे पौ घंटे चेहरे पे एक्सप्रेशन का ई तक नहीं दिखा पृथ्वीराज में मैंने सोचा था कि फिल्म ही बकवास है तो बेचारी हीरोइन क्या कर सकती है लेकिन अब सोच रही हूं यह हीरोइन वाकई में कुछ भी कर सकती है तो भैया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे ज्यादा ऑस्कर लेकर जाने वाली फिल्म बड़े मिया छोटे मियां को मेरी तरफ से ईमानदारी से एक स्टार मिलेगा वो भी एक्शन जो देखने लायक जरूर है.
लेकिन अक्षय और टाइगर जिस फिल्म में हो उससे उम्मीदें बहुत ज्यादा हैवी होती हैं उस लेवल का 1 पर दिखाया है बस अब नेगेटिव्स में आओ पहली गलती फिल्म की एडिटिंग शायद हुई नहीं है 3 घंटे की मैदान 2 घंटे जैसी लग रही थी और यह बड़े मियां छोटे मियां 400 घंटे जैसी फील हुई मुझे दूसरा लफड़ा है फिल्म के राइटर्स के साथ बहुत लो सेंस ऑफ ह्यूमर के डायलॉग्स लिखे हैं पता नहीं क्यों एक सीरियस फिल्म को कॉमेडी बनाना चाहते हो स्पेशली 21 तोपों की सलामी उस इंसान के नाम जिसके दिमाग से यह डायलॉग बाहर निकला तोत इंसान है.
या डेंड्रफ पीछा ही नहीं छोड़ता वाह वाह तीसरी मिस्टेक पृथ्वीराज जैसे न्यूक्लियर वेपन को वेस्ट मार देना एक घटिया बिना सर पैर वाली कहानी में अली अब्बास जफर आपसे बेटर एक्सपेक्ट किए थे और चौथा सबसे बड़ा पाप टाइगर अक्षय मानुषी अलाया चारों की एक्टिंग देखकर एक्टिंग को भी शर्म आ जाए इसके लिए गरुण पुराण में अलग से सजा ली लिखी हुई है अक्षय का स्क्रीन प्रेजेंस एकदम ठंडा टाइगर की डायलॉग डिलीवरी बहुत ही गंदा अलाया एफ की एक्टिंग जैसे पीठ पर पड़ने वाला डंडा और मानुषी के चेहरे पर एक्सप्रेशन एकदम गोल अंडा अभी भी अगर किसी के अंदर इतना सुनने के बाद भी फिल्म देखने की हिम्मत बची हुई है तो चले जाओ थिएटर किसी की गलतियों से सबक लेकर ही तो बाकी दुनिया सीखे गी बाकी पोस्ट में कुछ पसंद आया हो या फिर कुछ शिकायत करनी हो तो आप कमेन्ट करके पूछ सकते है.